"सपने देखना मत छोड़िए, सपने ही कल का हकीकत होता है " दुष्यंत कुमार पटेल "चित्रांश "

गुरुवार, 14 अप्रैल 2016

जन्मों का बंधन है तुम्हारे साथ


जन्मों का बंधन है तुम्हारे साथ
सनम छोड़ना कभी मेरे हाथ

कह  दो  जो दिल  में  है बात
साथ बैठे पूनम की है रात
बरसों से प्यासा दिल चाहत की
कर दो तुम प्यार की बरसात
जन्मों का बंधन .....

तू खूश्बू बनके समाई  है तन में
तू चाहत के रंग लाई  है  मन में
कसमों को तोड़ चल दुनिया से दूर
हमसफ़र थाम ले तू मेरे हाथ
जन्मों का बंधन .....

महकी  है पुरवा  हंसी है  शाम
निगाहों से पिला चाहत की जाम
गीत गुनगुनाके झूम बहार संग
कर ले आज दिल की पूरी चाहत
जन्मों का बंधन ....

तेरा नाम लिख दू मैं सारा जमाना
याद करेगा जहा प्यार की अफ़साना
मेरे हमसफ़र तू है मेरी धड़कन
दिल भी जाँ भी है तेरी अमानत
जन्मों का बंधन ..