"सपने देखना मत छोड़िए, सपने ही कल का हकीकत होता है " दुष्यंत कुमार पटेल "चित्रांश "

गुरुवार, 16 जून 2016

करू आरती मन श्रद्धा से

हे कमलनाथ हे आनंदसागर
हे नंदलाला  हे बनवारी
करू आरती मन श्रद्धा से
तेरी लीला सबसे न्यारी

मिलती  है शांति तेरे चरणों में
आजा भगवन मेरे गलियों में
मिटा दे मेरे मन की पीड़ा
हे मधुसूदन हे गिरधारी

वो नटखट मेरे घनश्याम
रटता रहूं कान्हा तेरे नाम
हे बालगोपाल हे मदनगोपाल
प्रिया नाम के तू है पुजारी

हे जगन्नाथ हे मुरली मनोहर
हे गोपालप्रिया हे मुरलीधर
आ मेरे मन वृंदावन में
हे मनमोहन हरे मुरारी


झूमे नाचे धरती गगन
हे  माधव तेरे पाके दर्शन
हे ज्ञानेश्वर हे  देवकीनंदन
हे कमलनयन हे बांके बिहारी

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