"सपने देखना मत छोड़िए, सपने ही कल का हकीकत होता है " दुष्यंत कुमार पटेल "चित्रांश "

बुधवार, 11 मई 2016

तेरी आँखों में है क्या जादू


तेरी आँखों में है क्या जादू
तेरी बातों में है क्या जादू
मेरा दिल हो जाता है बेकाबू
हर कही तेरी सूरत मैं देखू
मन बादल में छाई हैं यादों की घटा
तू जोबन कली है चंचल है तेरी अदा
कोई करके बहाना आ जाना छत पर
तेरी गलियों की फेरे लगा रहा हूँ
तेरी आँखों …..
असां हुआ मेरा ज़िंदगी का जंग
तुमसे मिलके दुनिया हैं गुलरंग
इतना हक दे बना ले जीवनसाथी
हर डगर में तुझे ढूँढता हूँ
तेरी आँखों …..
कोई शिकायत है तो बेझिझक कह दो
गुमशुम न रहो मेरी जाँ मुस्कुरा दो
तेरा होगा न सामना कभी ग़म से
हर खुशियों से तेरी आंचल भर दू
तेरी आँखों ….
तू चाहत की फूल खिला दे राहों में
सीने से लगा ले ,बसा ले निगाहों में
आज हो जाये एक दिल एक जाँ हम
ज़िंदगी के हर पल तेरी साथ जीयू
तेरी आँखों ….
चाहत की कसमें वादे निभाऊँगा मैं
तेरे दिल को आशियाना बनाऊँगा मैं
तुमबिन जुदा होके न जी पाऊँगा मैं
एक तेरा ही नाम जुंबा में बसा लू
तेरी आँखों ….

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