"सपने देखना मत छोड़िए, सपने ही कल का हकीकत होता है " दुष्यंत कुमार पटेल "चित्रांश "

मंगलवार, 17 मई 2016

चाहत की निशाँ मिटायी नहीं है























खामोश है ज़िन्दगी ग़म का तूफान है  
यादों  से हलचल दिल का आसमान है  

चाहत की निशाँ  मिटायी  नहीं है मैंने  
तेरे जाने से फिर भी ज़िन्दगी विरान है  

तन्हाई ही  तन्हाई,लबों पे तेरा नाम  
दिल को तेरी  चाहत   का अरमान है   


दर्दे गम छुपा के जी रहे हैं आजकल  
खामोश चेहरा में   झूठी  मुस्कान है  

कहते थे तेरा नाम भूला देंगे सनम्  
ना भूला सके , तुमबिन परेशान है 


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