"सपने देखना मत छोड़िए, सपने ही कल का हकीकत होता है " दुष्यंत कुमार पटेल "चित्रांश "

बुधवार, 11 मई 2016

जंवा धड़कन तुमपे मर मिटी है






















जंवा धड़कन तुमपे मर मिटी है
दिल में चाहत की फूल खिली है

अब होश में नहीं पागल दिल
जबसे मैंने प्रेम सुधा पी ली है

सड़कों पर किसी दरख्त के नीचे
तेरा      इंतज़ार  हमें हर  घडी है

तुम    आई   हो तो   ऐसा  लगा
गुलिस्तान ज़िन्दगी के हर गली है

तुमसे मिलके आज वो मेरे साथी

मैंने जन्मों के बंधन   बांध ली है

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