तू बेखबर हैं,ये दिल जानता हैं!
फिर भी दिल तुम्हे बेइम्तिहाँ चाहता हैं!!
मन मेरा इश्क के रंग में रंग,
कोरे दिल में तेरी तस्वीर उकेरता हैं !
टूट जाता हूँ उस दिन और भी,
जब हमारी आखिरी मिलन याद आता हैं !
भीगी नैना बरस-बरस के अब तो,
हर पहर तेरे नाम कि माला जपता हैं !
तू खूबसूरत ताजमहल हैं मेरे जहा की,
आशिक तेरे एक झलक को तरसता हैं !
फिर भी दिल तुम्हे बेइम्तिहाँ चाहता हैं!!
कोरे दिल में तेरी तस्वीर उकेरता हैं !
जब हमारी आखिरी मिलन याद आता हैं !
हर पहर तेरे नाम कि माला जपता हैं !
आशिक तेरे एक झलक को तरसता हैं !
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