"सपने देखना मत छोड़िए, सपने ही कल का हकीकत होता है " दुष्यंत कुमार पटेल "चित्रांश "

रविवार, 8 मई 2016

इश्क के रंग में

तू   बेखबर  हैं,ये   दिल   जानता   हैं!
फिर भी दिल तुम्हे बेइम्तिहाँ चाहता हैं!!
मन  मेरा  इश्क   के  रंग  में    रंग,
कोरे दिल में तेरी तस्वीर उकेरता हैं !
टूट     जाता   हूँ  उस  दिन   और  भी,
जब हमारी आखिरी मिलन याद आता हैं !
भीगी   नैना  बरस-बरस के  अब तो,
हर पहर तेरे  नाम कि माला जपता हैं !
तू खूबसूरत ताजमहल हैं मेरे जहा की,
आशिक तेरे एक झलक को तरसता हैं !

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